Hingoli news: कलमनुरी तालुका के अखाड़ा बालापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज के 350वें राज्याभिषेक समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की मौजूदगी में भाजपा में गुटबाजी खुलकर सामने देखी गई। निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम से मुंह मोड़ लिया। हॉल की आधी से ज्यादा सीटें खाली रहीं। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद दो दादा-दादी और पूर्व विधायकों के बीच अपने-अपने वाहन निकालने को लेकर हुआ विवाद पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है।
शुक्रवार को अखाड़ा बालापुर स्थित इच्छापूर्ति मंगल कार्यालय में शिवराज्याभिषेक मंगल कलश दर्शन यात्रा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन हिंगोली लोकसभा क्षेत्र के महत्वाकांक्षी उम्मीदवार श्रीकांत चंद्रवंशी ने किया था। मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, मध्य प्रदेश के उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह, विधान परिषद सदस्य राम पाटिल रातोलीकर, विधायक तानाजी मुटकुले, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक गजानन घुगे, रामदास पाटिल मौजूद रहे। अखाड़ा बालापुर गांव में मोटरसाइकिल रैली निकाली गई। इस रैली को भी कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिला। हॉल की आधी से ज्यादा सीटें खाली थीं। बालापुर में पेट्रोल पंप के सामने भाजपा के निष्ठावान पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले के सम्मान समारोह का आयोजन किया था।
लेकिन वफादार कार्यकर्ताओं को स्थानीय योजना से अलग कर दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अभिनंदन स्वीकार नहीं करने पर कार्यकर्ता फिर आहत हुए। पार्टी के कुछ प्रमुख कार्यकर्ताओं ने ही इस कार्यक्रम से मुंह मोड़ लिया। कार्यक्रम में भाजपा की भीतरी गुटबाजी खुलकर सामने आई। हिंगोली लोकसभा में भाजपा का कामकाज लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही शुरू हुआ था। बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने लोकसभा क्षेत्रों का दौरा किया है और लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों को बुलाया गया था।
कलमनुरी के भाजपा तालुका अध्यक्ष डॉ. प्रकाश नाइक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, भारतीय जनता पार्टी ग्रामीण स्तर पर पार्टी संगठन का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता स्थानीय पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। लेकिन यह समन्वित नहीं है। इसलिए पार्टी में मतभेद और गुटबाजी की तस्वीर है। आज का कार्यक्रम पार्टी का कार्यक्रम नहीं था, फिर भी प्रदेश अध्यक्ष के मौजूद रहने के दौरान पार्टी पदाधिकारी दूर रहे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। पार्टी गुटबाजी बर्दाश्त नहीं कर सकती।