न्यूज स्टैंड18 नेटवर्क
अहमदाबाद। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आरम्भ की गई ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ में डाकघरों में जहाँ 10 साल तक की बेटियों के खूब खाते खोले गए हैं, वहीं कई गाँवों में सभी योग्य बेटियों के खाते खुलवाकर उन्हें सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बना दिया गया है। ‘अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस’ (22 सितंबर) पर उत्तरी गुजरात परिक्षेत्र, अहमदाबाद के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि उत्तरी गुजरात परिक्षेत्र में अब तक लगभग 500 गाँवों को संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बना दिया गया है। इन गाँवों में दस साल तक की सभी योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते डाकघर में खोले जा चुके हैं। यही नहीं, इन गाँवों में यदि किसी घर में बेटी के जन्म की किलकारी गूँजती है तो डाकिया तुरंत उसका सुकन्या खाता खुलवाने हेतु पहुँच जाता है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि बेटियों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाये गए इस कदम के तहत उत्तरी गुजरात परिक्षेत्र के डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना के 4.50 लाख से भी ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं, वहीं पूरे गुजरात परिमंडल में 15.22 लाख से ज़्यादा बेटियों के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके है। गाँवों में डाक चौपाल से लेकर विभिन्न स्कूलों में अभियान चलाकर इससे सभी योग्य बालिकाओं को जोड़ा जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जनवरी, 2015 में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना का आगाज किया था। इसके तहत किसी भी डाकघर में न्यूनतम ₹250 से दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया जा सकता है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम ₹250 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15 वर्ष तक धन जमा कराना होगा। बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि खाता खोलने से 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। वर्तमान में ब्याज दर 8.2 प्रतिशत है और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का ही एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बेटियों के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ है। इस योजना के आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक आयाम भी महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। यह योजना बेटियों के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में नारी सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा देगी।