विजय यादव
मुंबई। बदलापुर के एक स्कूल में दो छोटी बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण मामले को लेकर महाराष्ट्र के विरोधी दल और उनके कुछ साथी घटिया राजनीति शुरू कर दी है। घटना को लेकर जिस तरह विरोधी पार्टियां गलत बयानबाजी कर रही हैं इससे यही प्रतीत होता है कि इन्हे ऐसे अपराधों की पूर्व जानकारी रहती है या इनके सहयोगी ऐसे अपराधों को अंजाम देने के लिए योजनादबद्ध तरीके से लोगों को प्रेरित करने का काम करते हैं। SIT द्वारा इसकी भी जांच होनी चाहिए।
जबकि बदलापुर की हकीकत यह है कि शिकायत मिलने के 2 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे मामले को अति गंभीरता से लेते हुए संबंधित पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही स्कूल प्रिंसिपल, क्लास टीचर सहित एक महिला कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया।
इतना ही नहीं देवेंद्र फडणवीस ने तत्काल SIT का गठन कर दिया है। इस पूरे केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का निर्णय भी राज्य के गृहमंत्री ने लिया है।
पीड़ित को न्याय देने की प्रक्रिया इतनी तेजी से चलाई जा रही है जिसकी कल्पना तक देश के अन्य राज्यों की सरकारें नहीं कर सकती। ताजा उदाहरण पश्चिम बंगाल की सरकार है, जहां कोलकाता के एक अस्पताल में महिला डाक्टर के साथ बलात्कार और निर्मम हत्या कर दी जाती है। घटना के लंबे समय तक ममता बनर्जी के कानो मे जूं तक नहीं रेंगती। इतना ही नहीं सबूतों को नष्ट करने के लिए हजारो की भीड़ अस्पताल में घुसकर तहस नहस कर देती है। केंद्र सरकार को पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए केस CBI को सौंपनी पड़ती है। बंगाल पुलिस तभी हरकत में आती है जब कोर्ट स्वयं संज्ञान में लेकर आदेश जारी करता है।
इतना सबकुछ होने के बाद भी पूरा I.N.D.I. गठबंधन मौन रहता है। रात दिन शोर मचाने वाले राहुल गांधी तक की जुबान बंद हो जाती है। आज महाराष्ट्र में किसी भी अपराध के बाद जिस तरह राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक्शन लेते हैं वह काबिले तारीफ है और अन्य राज्यों को भी महाराष्ट्र की महायुति सरकार से सीख लेनी चाहिए।