राज कुमार सोनी
सागर। ‘भगवान से अगर कुछ मांगना है, तो विपत्तियां मांगो क्योंकि इसी स्थिति में भगवान के दर्शन हुआ करते हैं। महाभारत के युद्ध के पश्चात कुंती बुआ ने भी तो भगवान से यही मांगा। कहा कि हरेक विपत्ति में आप साथ रहे, रक्षा की, इसलिए अब विपत्तियों से स्नेह हो गया है, क्योंकि उसी समय प्रभु आप हमारे पास रहा करते हैं ‘, यह अमृतमयी मधुर वाणी है सुप्रसिद्ध कथा-व्यास पं. मनोज व्यास ‘मधुर’ जी महाराज के। वे सागर के बड़ा बाजार स्थित रामबाग मंदिर में गुप्ता परिवार व्दारा 29 मई से 5 जून तक आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पावन कार्यक्रम में मंगलवार को दूसरे दिवस प्रवचन कर रहे थे। कार्यक्रम के संयोजक श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता, संतोष गुप्ता, कंचन गुप्ता, कृष्णमुरारी (पप्पू) गुप्ता, स्व. चांदनी गुप्ता, जीतेंद्र गुप्ता, मौसम गुप्ता, बसंत गुप्ता हैं, जबकि कथा की मुख्य यजमान मिथिलेश गुप्ता हैं। श्री सद्गुरु महंत घनश्यामदासजी महाराज के आशीर्वाद से हो रहे इस सत्संग का समय रोजाना दोपहर 4 से शाम 7 बजे तक है। कार्यक्रम में भक्तिरसपान करने प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। मंगलवार को हुई कथा के दौरान मधुर जी ने बेहद मर्मस्पर्शी तरीके से भागवत के भक्तिसूत्र प्रतिपादित किए, जिन्होंने श्रद्धालु-श्रोताओं का अंतर्मन आल्हादित कर दिया।