Madhya Pradesh

दरिद्र वह है, जिसके जीवन में संतुष्टि नहीं: पं. हरिशंकर महाराज 

राज कुमार सोनी
सागर।
 ‘सुदामा गरीब थे, पर दरिद्र नहीं और असली गरीब स्वाभिमानी ही होता है, भिखारी नहीं। तभी तो कथा करके दान लिया करते थे, पुरुषार्थ था उनमें। गरीब भी बने तो हरिभक्ति में, अपने परमइष्ट सखा कृष्ण को गरीबी के शाप से बचाने के लिए। वरना, आज सृष्टि का मालिक गरीब होता, तो भला हम सब कहाँ से संपन्नता पाते ? सो, प्रभु-भक्ति में त्याग की प्रतिमूर्ति हैं सुदामाजी। वे भक्ति का अवतार हैं। शुकदेवजी महाराज ने उन्हें संतशिरोमणि का दर्जा दिया है। दरिद्र तो वह हुआ करता है, जिसके जीवन में संतुष्टि नहीं होती। सुदामा जी के पास तो हरिकृपा की अनंत निधि है, संतुष्टि है ‘, यह अमृतमयी वाणी है दमोह से पधारे पं. हरिशंकर पांडेय महाराज की, जो उन्होंने सागर शहर के मोतीनगर वार्ड में माता मढ़िया के समीप पांडेय परिवार व्दारा आयोजित भव्य संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में भारी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं को सुदामा चरित्र सुनाते हुए व्यक्त की। लक्ष्मीकांत पांडेय, नीलकांत पांडेय, कमलेश पांडेय, संतोष पांडेय, दिनेश पांडेय, प्रवीण पांडेय, नीतेश पांडेय व मुकेश पांडेय के संयुक्त संयोजन में हुए इस पावन अनुष्ठान के मुख्य यजमान सुनील दत्त पांडेय और साधना पांडेय रहे। 
  कथा-पूर्णाहुति के पूर्व दिवस श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाहोत्सव का प्रसंग हुआ, जिसमें विशेषता यह रही कि भगवान कार से रक्मिणी जी के यहां गए और उन्हें हर लाए। विशिष्टता यह भी थी कि पूरा विवाहोत्सव ठेठ बुंदेलखंडी परंपरागत रस्मोरिवाज से हुआ। नेग-चार भी हुआ। सुहागन महिलाओं में चूड़ी-बिंदियां भी बंटीं। सबको हल्दी लगी, जमकर ठुमके लगे, आतिशबाजियों की झड़ी लगी, रुक्मिणी का हरण कर ला रहे श्रीकृष्ण की बारातनुमा शोभायात्रा में और विधिविधान संग विवाह के दौरान भी। पूर्णाहुति के उपरांत कथास्थल पर हवन और महाभंडारे का कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में सम्मिलित होकर श्रद्धालुओं ने पुण्यलाभ लिया। समारोह के दरमियान जहां श्री रविशंकरजी महाराज (रावतपुरा सरकार) ने यहां पधारकर सभी भक्तों को न सिर्फ कृतार्थ किया,आशीर्वचन भी दिए, वहीं विधायक शैलेंद्र जैन, प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के कई करीबियों व महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी समेत विविध क्षेत्रों से जुड़ी अनेक हस्तियों ने कार्यक्रम में शामिल होकर पुण्यलाभ लिया। खास तौर से, विवाहोत्सव पर स्थानीय मढ़िया माता मंदिर की काली कमेटी से संबद्ध डमरू दल की प्रस्तुति दीपक पटेल व अन्य सहयोगी बाल कलाकारों व्दारा बेहद कुशलतापूर्वक की गई। इस अवसर पर कथा-आयोजक पांडेय परिवार के सर्वेसर्वा लक्ष्मीकांत पांडेय, उनके सभी पारिवारिक सदस्यों, नाते-रिश्तेदारों, मित्रों-पड़ोसियों आदि ने समारोह को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया। आयोजक परिवार के सदस्य प्रवीण पांडेय और नीतेश पांडेय ने सभी भागवतप्रेमियों की आस्था को नमन करते हुए बताया कि इस पावन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्वशांति व लोककल्याण का रहा, जो हमारे दादाजी स्व. कृष्णदत्त पांडेय और बड़े पापा लक्ष्मीकांत पांडेय सहित सभी वरिष्ठों से हमें संस्कार में मिला है।

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