राज कुमार सोनी
सागर (म.प्र.)। ज्येष्ठ माह की पहली एकादशी यानी अपरा एकादशी पर 15 मई को सागर शहर के बड़ा बाजार में स्टेट बैंक के पास स्थित श्री देव बाँके राघवजी मंदिर में भगवान के नौकाविहार का भव्य महोत्सव आयोजित किया गया है। यह महोत्सव शाम साढ़े 7 बजे आरंभ होगा और रात 10 बजे तक जारी रहेगा। मंदिर के पुजारी निताई दास महाराज ने बताया है कि महोत्सव के अंतर्गत मंदिर में प्रतिष्ठापित मूलनायक भगवान श्री देव बाँके राघवजी युगल सरकार को आकर्षक पोशाक पहना कर उनका विविध सतरंगी पुष्पों से शृंगार किया जाएगा और उन्हें पवित्र नदियों के जल से भरे सरोवर में नौकाविहार कराया जाएगा।
निताई दास महाराज ने इस महोत्सव में सभी श्रद्धालुओं से बड़ी संख्या में सम्मिलित हो पुण्यलाभ लेने का आमंत्रण देते हुए बताया है कि अचला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जानी जाने वाली अपरा एकादशी पर मंदिर में शाम साढ़े 7 बजे संध्या आरती के उपरांत भजन-कीर्तन का कार्यक्रम होगा और भगवान को ठंडई का भोग लगेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जिस तरह ग्रीष्मकाल के तेज धूप से तपते वातावरण में मनुष्य सहित सभी जीव-जंतु,पशु-पक्षी शीतल माहौल में रहने की जुगत करते हैं तथा गर्मी-उमस से खुद के बचाव के लिए अपने खानपान-पहनावे की व्यवस्था किया करते हैं, ठीक उसी तरह इस सृष्टि के नियंता ठाकुर जी के संग भी आचार-विचार-व्यवहार करने की हमारी महान सनातन परंपरा का यह उत्सव एक हिस्सा है। उन्होंने अपरा एकादशी व्रतियों के लिए पारणा का समय मंगलवार 16 मई को सुबह 9 बज कर 25 मिनट से पूर्व बताया है। मंदिर में होने वाले समूचे पावन महोत्सव का नयाभिराम लाइव दर्शन सोशल मीडिया में इंस्टाग्राम पर shri raghav ji sarkar के जरिए किया जा सकेगा तथा फेसबुक के shri dev banke raghav ji sarkar पेज पर भी दर्शन का पुण्यलाभ लिया जा सकेगा।
अनजाने में हुए पाप से उद्धार के लिए उन्होंने अपरा एकादशी पर भगवान विष्णु के पूजन को सर्वोत्तम बताते हुए जानकारी दी कि विष्णु पुराण में इसका विस्तार से वर्णन करते हुए बताया गया है कि इस एकादशी पर अर्जित पुण्य-प्रताप से मनुष्य प्रेत-योनि से मुक्त हो कर वैकुंठ-लोक तो प्राप्त करता ही है, साथ ही ब्रह्महत्या,परनिंदा,स्त्री-गमन, झूठी गवाही,असत्य चर्चा, वेद-शास्त्र के गलत पाठन-पठन, ज्योतिष के जरिए किसी को भरमाने, फर्जी वैद्य बन लोगों को ठगने आदि से पनपे कई भारी पाप भी इसके पुण्य-प्रभाव से कट जाते है और सुख, समृद्धि,धन में वृद्धि हासिल होती है। उन्होंने श्रीहरि को तुलसी अति प्रिय बताते हुए एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी की माला अर्पित करने और शाम को तुलसी के पास दीप प्रज्ज्वलित करने को कहा है। साथ ही, इस दिन भूलकर भी तुलसी-पत्र न तोड़ने का परामर्श दिया है। श्रीहरि विष्णु की कृपा-प्राप्ति और पितरों की कुशलता के लिए उन्होंने धर्म शास्त्रों में पीपल के वृक्ष में देवताओं का निवास बताए गए होने के कारण इस दिन पीपल के नीचे घी का दीप प्रज्ज्वलित कर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने को कहा है। इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु को हल्दी की 2 साबुत गांठें अर्पित कर ॐ केशवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से नौकरी, व्यापार में आदि में चमत्कारिक रूप से उन्नति प्राप्त होती है।