राज कुमार सोनी
सागर (म.प्र.)। शहर के तिली वार्ड स्थित सनराईज टाउन के पास, राजीवनगर में स्थानीय पार्षद मनोज चौरसिया के संयोजन में चल रही 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में श्रीधाम बरसाना से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक परमपूज्य पं. श्री स्नेहबिहारीजी महाराज ने सोमवार को तृतीय दिवस के समारोह में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुवृंदों को भागवत की महत्ता समझाते हुए कहा कि यह पंचम वेद है, जिसमें चारों वेदों का रस है। इस रस का पान करने से सभी तरह के सुख-समृद्धि-ऐश्वर्य फलित होते हैं।
श्रीमती विमला चौरसिया, स्व. रामाप्रसाद चौरसिया, सुनील चौरसिया, राजेंद्र चौरसिया के सहसंयोजन में आयोजित इस पावन ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ 1 अप्रैल से हुआ और 7 अप्रैल को इसकी पूर्णाहुति होगी। पूर्णाहुति के बाद 8 अप्रैल को सुबह 11 बजे यहां विशाल भंडारा व महाप्रसाद का कार्यक्रम रखा गया है। महाराजश्री के प्रवचन का समय रोजाना दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक है। सोमवार को प्रवचन शुरू होने से पूर्व पार्षद मनोज चौरसिया और उनकी धर्मपत्नी विवेचना चौरसिया ने भागवत जी की आरती की। इसके पश्चात परमपूज्य पं. श्री स्नेहबिहारीजी महाराज ने श्रद्धालु समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह तोता जो फल कुतर लेता है, वह मीठा हो जाता है अथवा मीठा फल ही तोता कुतरा करता है, ठीक वैसे ही शुकदेव जी महाराज की कही हुई भागवत कथा बेहद मधुर है। तोता को भी शुक कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि शुकदेव जी को यह कथा नारद जी ने सुनाई और फिर उन्होंने यह मधुर रस हमारे लिए परोसा। कथाव्यास पं. श्री स्नेहबिहारीजी महाराज ने इस दौरान कहा कि भगवान का स्मरण सर्वाधिक तब आया करता है, जब हम दुःख में हुआ करते हैं। यही वजह है कि कुंती ने हमेशा योगेश्वर श्रीकृष्ण से दुःख ही माँगा। उन्होंने संत तुकाराम का दृष्टांत देते हुए बताया कि उनकी पत्नी बड़ी ही कर्कशा थीं। यहां तक कि अकसर पति को पीट भी दिया करती थीं। विट्ठल के परमभक्त तुकाराम इन क्षणों में भी लगातार ‘ विट्ठल-विट्ठल ‘ का किया करते। एक रोज भगवान साक्षात प्रकट हो गए और इसकी वजह पूछने लगे, तो तुकाराम ने भगवान का कोटिशः आभार जताते हुए बताया कि पत्नी के इस बर्ताव से मेरा मन उस पर से उचट जाता है और आप में रमा रहता है। अगर पत्नी बहुत कुशल व्यवहार की होती, तो मेरा मन उसी में लगा रहता।
समारोह के प्रमुख सहयोगियों में पूर्व पार्षद कैलाश चौरसिया, सुशील तिवारी घाना वाले, राजीव चौरसिया, इंजीनियर वीरेंद्र चौरसिया, पुरुषोत्तम चौरसिया (बिल्डर-कल्पधाम), पार्षद हेमंत यादव, इंजीनियर प्रकाश चौबे, मनमोहन चौरसिया, इंजीनियर संतोष चौरसिया, रामरतन चौरसिया आदि का समावेश है।