सागर के तिली वार्ड में निकली भव्य कलश यात्रा श्रीमद् भागवत कथा के प्रवेश दिवस पर व्यासजी ने दिए आशीर्वचन
राज कुमार सोनी
सागर। ‘श्रीमद् भागवत कलयुग में विजय का सूत्र है। यह साक्षात योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का वांग्मय स्वरूप है। इस कथा ज्ञान-यज्ञ को कराने-सुनने-सुनाने से दैहिक, दैविक व भौतिक इन तीनों विकारों से मुक्ति मिलती है’, यह पावन अमृतवाणी है श्रीधाम, बरसाने से पधारे कथावाचक परमपूज्य पं. श्री स्नेहबिहारीजी महाराज के। वे सनराईज टाउन के पास, राजीवनगर, तिली वार्ड, सागर में 1 से 7 अप्रैल तक आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के प्रवेश दिवस पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालु समुदाय को आशीर्वचन दे रहे थे।
विश्वशांति व राष्ट्र कल्याण के पुनीत उद्देश्य को लेकर तिली वार्ड के पार्षद मनोज चौरसिया व्दारा आयोजित इस समारोह के तहत सबसे पहले चौपड़ा मंदिर से आयोजनस्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। ढोल-नगाड़ों के वादन, लेझिम-डमरू दल की कलाबाजियों, डीजे पर गगनभेदी स्वर में बजते भजनों तथा श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच पुष्पमालाओं से लदे व ललाट पर चंदन से सुशोभित परमपूज्य पं. श्री स्नेहबिहारीजी महाराज के साथ श्रीमद् भागवत की पोथी शिरोधार्य किए शालिकराम (गोवर्धन) चौरसिया व धर्मपत्नी जागृति, मनोज चौरसिया व धर्मपत्नी विवेचना और संग में पीछे-पीछे भारी तादाद में कतारबद्ध चल रहीं कलशधारी महिलाएं-युवतियां, भजन-गीतों की ताल पर नृत्यरत किशोर-किशोरियां तथा विशाल श्रद्धालु समुदाय। कुल मिलाकर इस तरह बड़ा ही विहंगम दृश्य था श्रीमद् भागवत कथा आरंभ होने से पूर्व निकली इस कलश यात्रा का।
रोजाना दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक चलने वाले भागवत कथा के इस आयोजन के सह-संयोजक श्रीमती विमला चौरसिया, स्व. रामाप्रसाद चौरसिया, सुनील चौरसिया, राजेंद्र चौरसिया हैं। कलश यात्रा के आयोजनस्थल पर पहुँचने के बाद उपस्थित श्रद्धालु समुदाय को आशीर्वचन देते हुए कथावाचक पं. श्री स्नेहबिहारीजी महाराज ने बताया कि वे विगत 13-14 वर्षों से कथा करने सागर आ रहे हैं और इस अवधि के दरमियान उन्हें इस बात का गहराई से अनुभव हुआ है कि कथा कराना, सुनना, सुनाना यह सब ठाकुर जी की कृपा से ही संभव हो पाता है और यहां तक कि आयोजनस्थल का निर्धारण भी उन्हीं की मर्जी के अनुरूप होता है, बिना उसके कुछ भी नहीं। इस दौरान उन्होंने कथा श्रवण करने उमड़े श्रद्धालु समुदाय को श्रीमद् भागवत की व्याख्या विस्तार से समझाई और साथ ही अपनी मधुर वाणी में ‘ सांवरिया ले चल पल्ली पार…’ भजन सुनाकर समूचे माहौल को भक्तिरस में इस कदर सराबोर कर दिया कि सभी अपनी-अपनी जगह पर खड़े होकर थिरकने से खुद को नहीं रोक सके।
इस अवसर पर पूर्व पार्षद कैलाश चौरसिया, सुशील तिवारी घाना वाले, राजीव चौरसिया, इंजीनियर वीरेंद्र चौरसिया, पुरुषोत्तम चौरसिया (बिल्डर-कल्पधाम), पार्षद हेमंत यादव, इंजीनियर प्रकाश चौबे, मनमोहन चौरसिया, इंजीनियर संतोष चौरसिया, रामरतन चौरसिया सहित अनेक लोगों ने पं. श्री स्नेहबिहारीजी महाराज से आशीर्वाद लिया। श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति के उपरांत 8 अप्रैल को यहां विशाल भंडारा व महाप्रसाद भी रखा गया है।