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मोदी-अडानी की पोल खोलने कांग्रेस का जय भारत सत्याग्रह का ऐलान

हफ्ते भर होंगे विविध स्तर पर रैलियां, घेराव व प्रदर्शन

राज सोनी
सागर (म.प्र.)।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के ‘ गोपनीय ‘ सबंधों को उजागर करने की जुगत में अपने शीर्ष नेता राहुल गांधी की खारिज की गई सांसदी तथा अन्य कार्रवाई के अदालती आदेश पर सवालिया निशान लगाते हुए कांग्रेस ने अब अपनी बात आम जनता के समक्ष रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जय भारत सत्याग्रह करने का फैसला किया है। इसी क्रम के तहत सागर कांग्रेस की प्रभारी अंजू बघेल ने 15 से 20 अप्रैल के दरमियान पार्टी कार्यकर्ताओं व्दारा जिला स्तर सभा, कलेक्ट्रेट पर जंगी घेराव, रैलियां, प्रदर्शन आदि आंदोलन कर मोदी सरकार के कथित भ्रष्टाचार के प्रति जनजागरण किए जाने का ऐलान किया है।
सागर शहर (जिला) कांग्रेस के तीन बत्ती परिसर स्थित मुख्यालय ‘ राजीव गांधी भवन ‘ में शुक्रवार को अंजू बघेल ने संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि मोदी-अडानी यानी मोडानी का संबंध सीधे राष्ट्र के धन से है, जो राष्ट्र की आम जनता के खून-पसीने का है, इसलिए इस सत्याग्रह के जरिए पार्टी संगठन की मुख्य धारा के साथ युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, सेवादल व अन्य विभाग-प्रकोष्ठ मिलकर मोडानी के घनघोर भ्रष्टाचार का न सिर्फ पर्दाफाश करेगा, बल्कि लोकतंत्र में गहरी आस्था रखने व उसका जतन करने वाली कांग्रेस इसी प्रणाली से आम जनता की आवाज को गूंगी-बहरी सरकार के कानों तक पहुंचाएगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि देश की सत्ता पर काबिज भाजपानीत मोदी सरकार चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लोकतांत्रिक-संवैधानिक व्यवस्थाओं की हत्या कर आम जनता की आवाज को कुचलने के काम में पूरी रफ्तार से लगी हुई है। राहुल गांधी ने जब सरकार की इन करतूतों के खिलाफ आवाज बुलंद कर काले धन का तिलिस्म खोलना चाहा, तो मोदी और अडानी की जुगलबंदी से बने मोडानी तंत्र ने फौरन अपनी दमनकारी नीतियों पर कार्यान्वयन शुरू कर दिया।
इस अवसर पर सागर शहर (जिला) कांग्रेस के अध्यक्ष राजकुमार पचौरी ने कहा कि गुजरात की एक अदालत ने हाल ही में जिस तरह मानहानि के एक मामले में गहरी रुचि दिखाते हुए पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई है, जो मानहानि की धाराओं में अधिकतम है, जबकि देश भर के न्यायालयों में लाखों महत्वपूर्ण केस लंबित पड़े हैं, आनन-फानन में दिए गए इस फैसले समेत राहुल गांधी की संसद सदस्यता निरस्त किए जाने व उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय सरकार की व्देषपूर्ण राजनीति की पराकाष्ठा है।
पूर्व विधायक सुनील जैन ने मुद्दा उठाया कि भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने 2013 से लेकर अब तक गांधी-नेहरू परिवार पर कई बार व्यक्तिगत चारित्रिक हमले करते हुए घोर आपत्तिजनक जुमलेबाजी की है, लेकिन न्यायालय ने उनका कोई संज्ञान नहीं लिया। देश की सबसे बड़ी राजनीतिक चौपाल मानी जाने वाली लोकसभा में निर्वाचित जनता के प्रतिनिधियों को बोलने की आजादी नहीं है। भाजपा के सांसद तो सत्ता की कठपुतली हैं, जिन्हे अपनी बात रखने की स्वतंत्रता भी नहीं है। केवल विपक्ष ऐसा हुआ करता है, सत्ता में व्याप्त बुराइयों को उजागर करने का काम करता है और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया भी उसका साथ दिया करता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लंबे समय से मोदी-अडानी से संबंधित उन मुद्दों को बड़ी बेबाकी से उठा रहे हैं, जो देश की जनता व उनके धन की सुरक्षा से जुड़े है। लेकिन संसद में उन्हें बोलने का अवसर ही नहीं दिया जाता, यदि बोलते हैं तो माइक बंद कर दिया जाता है। इस तरह अपनी कारगुजारियों की पोल खुलती देख मोदी सरकार ने बौखलाहट में समूचे संवैधानिक तंत्र का दुरूपयोग कर राहुल गांधी की सांसदी रद्द करने से लेकर उन पर चुनाव लड़ने की पाबंदी, आवास खाली कराने व सजा सहित अन्य कार्रवाई का जो दांव खेला है, महज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है और यह सब सरकार के जनविरोधी-राष्ट्रविरोधी होने का स्पष्ट प्रमाण है। संवाददाता सम्मेलन में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. संदीप सबलोक, प्रदेश महामंत्री मुकुल पुरोहित, संभागीय प्रवक्ता अभिषेक गौर, सागर शहर (जिला) कांग्रेस के प्रवक्ता आशीष ज्योतिषी, शहर संगठन मंत्री चक्रेश सिंह सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी और सक्रिय कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

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